भवन एवं बाला पहल
लर्निंग एड के रूप में बिल्डिंग पहल एक अभिनव अवधारणा है जिसका उद्देश्य स्कूल के बुनियादी ढांचे के भीतर बच्चों के अनुकूल और मजेदार-आधारित भौतिक वातावरण बनाकर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। यहाँ
केंद्रीय विद्यालयों में मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
उद्देश्य:
स्कूलों के संपूर्ण भौतिक स्थान (इनडोर और आउटडोर दोनों) को एक मूल्यवान शिक्षण संसाधन के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है।
इसका उद्देश्य शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे की समग्र योजना बनाना और उसका उपयोग करना है।
कार्यान्वयन:
बाला को यूनिसेफ के सहयोग से भारत के सभी केवीएस स्कूलों में लागू किया गया है।
इसमें गतिविधि-आधारित शिक्षा, बाल-मित्रता और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समावेशिता (सीडब्ल्यूएसएन) के विचार शामिल हैं।
दृष्टिकोण:
मानता है कि एक स्कूल की वास्तुकला प्रभावी शिक्षण और सीखने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
यह दो स्तरों पर संचालित होता है:
स्थान विकसित करना: कक्षाओं, गलियारों, सीढ़ियों, बाहरी क्षेत्रों आदि जैसे स्थानों में विभिन्न शिक्षण-सीखने की स्थितियाँ बनाना।
निर्मित तत्व: शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में फर्श, दीवारें, खिड़कियां, दरवाजे, छत, प्लेटफार्म और फर्नीचर जैसे तत्वों का उपयोग करना।
संक्षेप में, स्कूल के स्थानों को गतिशील शिक्षण वातावरण में बदल देता है, छात्रों के बीच रचनात्मकता और जुड़ाव को बढ़ावा देता है।